मंत्री की दौड़ में अनिल शर्मा आगे

मंडी। सदर के विधायक अनिल शर्मा को अब झंडी मिलना तय है। उनका नाम मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है। अगर उनको मंत्री पद मिलता है तो इससे हिमाचल की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले मंडी जिला में सियासी संतुलन कायम होगा, वहीं करीब डेढ़ दशक बाद अनिल शर्मा दोबारा मंत्री बनेंगे। उधर, बंजार के विधायक कर्ण सिंह के भी मंत्री बनने के आसार हैं। अगर वह भी मंत्री बनते हैं तो 1998 के बाद वह दूसरी बार मंत्री बनेंगे। दोनों नेताओं की ताजपोशी से मंडी संसदीय क्षेत्र के उप चुनाव को लेकर अहम होगी। वहीं मंडी के सियासी संतुलन में भी अनिल शर्मा का मंत्री बनना महत्वपूर्ण होगा। 1993 में अनिल शर्मा युवा सेवाएं एवं खेल तथा वन राज्य मंत्री रह चुके हैं, मगर इसके बाद सदर विधान सभा क्षेत्र को मंत्री पद के लिए 1998 तक इंतजार करना पड़ा, जब हिविकां-भाजपा गठबंधन की सरकार में पं. सुखराम कुछ समय के लिए मंत्री बने थे। इसके बाद अदालत में उनके खिलाफ मामले तय होने पर उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि, वर्तमान कांग्रेस सरकार में भी पहले से ही वरिष्ठता के आधार पर अनिल शर्मा की दावेदारी प्रबल थी, मगर पहले दौर में उन्हें मंत्री न बनाए जाने से उनके समर्थकों और मंडी वासियों में मायूसी का आलम था। सदर विधानसभा क्षेत्र मंडी जिला का केंद्र है। वहीं जिला हिमाचल और मंडी संसदीय क्षेत्र का प्रमुख केंद्र है। मंत्रिमंडल में विस्तार के अलावा निगमों और बोर्डों में अध्यक्ष पद की अहम जिम्मेदारियां भी मंडी जिले को मिलने वाली हैं। माना जा रहा है कि आगामी संसदीय उप चुनाव में पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को कांग्रेस की उम्मीदवार के रूप में उतारा जा सकता है। ऐसे मेें सियासी संतुलन कायम करने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह मंडी और कुल्लू जिले को मंत्री पद से नवाजेंगे। मंडी संसदीय क्षेत्र पूर्व केंद्रीय मंत्री पं. सुखराम की कर्मभूमि रही है। आने वाले चुनाव में उनके प्रभाव का फायदा कांग्रेस उठाना चाहेगी।

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